कोरोना से बचने का सबसे सही रास्ता क्या है?

कोरोना से बचने का सबसे सही रास्ता क्या है?

सेहतराग टीम

 कोरोना वायरस ने पूरे विश्व की कमर तोड़ कर रख दी है। इस वायरस के आगे बड़े-बड़े मजबूत और शक्तिशाली देशों ने भी घुटने टेक दिए हैं। काफी कोशिशों के बाद भी इस वायरस को खत्म और इससे निजात पाने का अभी तक कहीं से कोई खोज नहीं हो पाई है। कोई भी टेक्नोलॉजी इससे छुटकारा दिलाती नहीं दिख रही है। फिलहाल प्रयास लगातार जारी है लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। वहीं भारत भी इस वायरस से लड़ने के लिए पूरी तैयारी में दिख रहा है। भारत सरकार ने पूरे हिन्दुस्तान को 21 दिनों तक लॉकडाउन करके इसकी पहल की है। वहीं लोगों से आग्रह किया है कि वह अपने घरों से बाहर ना निकलें और ज्यादा से ज्यादा समय मास्क पहने। यही नहीं हाथ को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें। 

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वहीं इस वायरस के बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह एक नए स्ट्रेन का वायरस है जो हवा में तेजी से फैलता है। यही कारण है कि यह एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे के शरीर में सांस द्वारा अंदर जा कर फेफड़ो को प्रभावित कर सकता है। यही नहीं यह वायरस ह्दय की मसल्स को नुकसान भी पहुंचाता है। इस वायरस की कोई दवा ना तैयार होने के कारण स्वास्थ्य विभाग इससे लड़ने के लिए लोगों को अपने आप को क्वारंटाइनट और आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रहा है, जिसका पालन भी सभी लोग बड़ी उत्साह से कर रहे है। क्योंकि यह उनके जिंदगी से भी जुड़ा है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा समय अपने घरों में बिताए और हाथ को सैनिटाइज करते रहे।  

आपकी थोड़ी सी असावधानी आपके और आपसे जुड़े कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है पर डरना नहीं है, अभी बचाव ही इलाज़ है। अगर हमने दो से तीन सप्ताह संयम से प्रशासन और डॉक्टरों के कहे अनुसार घर पर रह कर निकाल लिए तो निश्चित हमारी जीत होगी। आज हर व्यक्ति एक सिपाही है और उसको यह लड़ाई खुद ही लड़ना है।

जो यह देखने और सुनने में आ रहा है कि बाज़ार में दैनिक उपभोग कि वस्तुओं के लिए एकदम से भीड़ जमा हो जाती है और बहुत से मुहल्ले और कॉलोनी में लोग जमा हो रहे हैं यह लापरवाही समाज के लिए बहुत भारी पड़ सकती है, बीमारी से निजात दिलाने के प्रयास को और पीछे ले जा रही है एवं लॉक डाउन पीरियड को और बढ़ाना पड़ सकता है।

आप सबसे निवेदन है कि कोई भी नादानी ना करें, प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करें और इस बीमारी को हराने में सहयोग प्रदान करे, सिर्फ 15 दिन और, फिर इस रात की सुबह होगी, एक सुनहरी सुबह, एक जगमगाती सुबह, एक स्वस्थ सुबह जो हम सभी के लिए एक नई आशा का संदेशा लाएगी। मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन।

 

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